PM Kisan : केंद्र सरकार की ओर से इस समय कई तरह की योजनाएं चल रही हैं और उनमें से एक है किसानों के लिए किसान सम्मान निधि (पीएम किसान सम्मान निधि) जिसके तहत सरकार किसानों को 6000 रुपये की पेशकश करती है।
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किसानों के खाते में तीन किस्तों में 2-2 हजार रुपये तक पैसे भेजे जाते हैं। किसान योजना के तहत किसानों को आर्थिक रूप से मदद की जा रही है। अब तक किसान सम्मान निधि की 15वीं किस्त किसानों तक पहुंच चुकी है और 16वीं किस्त जल्द आने की उम्मीद है.
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मीडिया मित्र की किताब तो 16वीं किस्त सरकार की तरफ से बहुत जल्द जारी की जा सकती है। हालाँकि, कुछ किसानों ने किस्त न मिलने की शिकायत दर्ज कराने में काफी समय लगाया। अब केंद्र सरकार का लक्ष्य किसानों को राहत देना है, प्रोटोकाल किस्तें कागजात हैं।
किसानों के लिए अभियान
ऐसे किसानों को राहत देने के लिए कृषि मंत्रालय आज 12 फरवरी से एक अभियान चला रहा है, यह अभियान 21 फरवरी तक चलेगा। राज्य सरकार और जिला प्रशासन संयुक्त रूप से यूनेस्को में चार लाख से अधिक सामान्य सेवा की मदद से इस अभियान को चलाएंगे.
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सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, जिन पात्र किसानों को सम्मान निधि की किस्तें नहीं मिली हैं, उनकी दो वजहें हो सकती हैं। पहले ये कि किसानों ने अपना ई-केवेसी नहीं खोला होगा या उनके आधार पर उनके बैंक से पैसा नहीं निकाला जाएगा।
Pm Kisan Yojana 2024
इस प्रयास का लक्ष्य अकेले इन दो मंत्रों का समाधान करना है। खबरों के मुताबिक, ब्लॉक या गांव में कॉमनवेल्थ सर्विस सेंटर कैम्पेनशिप के लिए दो दो समस्याओं का समाधान किया गया। यहां बैठे कर्मचारी किस्ट की देरी का कारण पहचानेंगे और इसे ठीक करने के लिए तत्काल कार्रवाई करेंगे।
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जो भी किसान इस समस्या का सामना कर रहे हैं, उन्हें 21 फरवरी से पहले अपने ब्लॉक या गांव में शिविरों में जाना चाहिए और अपनी समस्या के समाधान के लिए सभी संबंधित दस्तावेज अपने साथ ले जाना चाहिए।
इस दिन आ रही है 16वीं किस्त
मीडिया में बताया जा रहा है की फरवरी के आखिर तक सरकार की तरफ से किसानो के खाते में पीएम किसान योजना के पैसे भेजे जा सकते है वही पर मिडिया में इस योजना के तहत राशि को बढ़ाने की खबरे भी चल रही है
हालांकि ये अभी मीडिया का ही हिस्सा है और सरकार की तरफ से इसको लेकर कोई भी आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है। कैबिनेट में पीएम किसान योजना की राशि बढ़ाने के सवाल पर कृषि मंत्री ने इस प्रकार किसी भी प्रस्ताव के विचाराधीन नहीं होने की बात कही थी।